मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में ऐतिहासिक कार्यक्रम की अध्यक्षता की
इंडियन मास्टरमाइंड्स ब्यूरो |
छत्तीसगढ़ ने आज अपने शैक्षिक और आर्थिक सफर में एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी कदम उठाया। राज्य सरकार, आईआईएम रायपुर, एनआईटी रायपुर और मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के बीच एक महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में हुए इस कार्यक्रम के तहत एक व्यापक पहल की शुरुआत हुई, जिसका उद्देश्य राज्य को उद्यमिता, नवाचार और कौशल विकास का राष्ट्रीय केंद्र बनाना है।
“श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल नवाचार और उद्यमिता उत्कृष्टता केंद्र” की स्थापना
इस साझेदारी के केंद्र में “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप एक्सीलेंस सेंटर” का निर्माण है। यह अत्याधुनिक केंद्र युवाओं को नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनाने के लिए आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा,
“यह केंद्र केवल आईआईएम या एनआईटी जैसी संस्थाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह हर गांव के युवाओं के लिए लाभकारी होगा। हमारा लक्ष्य है कि शोध, प्रयोग और उद्यमिता के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए।”
उन्होंने उद्योग जगत से भी इस आंदोलन में जुड़ने का आह्वान किया और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था की कुंजी बताया।
छत्तीसगढ़: भारत की नई अर्थव्यवस्था का नेतृत्व
श्री साय ने बताया कि राज्य पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ अब सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिफेंस, एयरोस्पेस, ग्रीन हाइड्रोजन और फार्मा जैसे भविष्य के उद्योगों में भी तेजी से प्रगति कर रहा है। मात्र 8 महीनों में राज्य को ₹6.75 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जो पिछले 20 महीनों में किए गए 350 से अधिक संरचनात्मक सुधारों का परिणाम है।
उन्होंने नागरिकों से संसाधन-आधारित अर्थव्यवस्था से नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने का संकल्प लेने की अपील की—
“आइए हम एक ऐसा छत्तीसगढ़ बनाएं जहां उद्यमिता जीवनशैली बन जाए और युवा समाजिक परिवर्तन के नेता बनें।”
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन का ₹172 करोड़ का योगदान
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के सह-संस्थापक और अध्यक्ष श्री रामदेव अग्रवाल ने ₹172 करोड़ के बड़े दान की घोषणा की—
- ₹101 करोड़ आईआईएम रायपुर को
- ₹71 करोड़ एनआईटी रायपुर को
यह राशि निम्न कार्यों में खर्च होगी—
- ओसवाल हॉस्टल (202 कमरे) और दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर का निर्माण आईआईएम रायपुर में
- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी की अग्रणी यूनिवर्सिटीज़ के साथ साझेदारी में 6 अंतरराष्ट्रीय एमबीए प्रोग्राम
- एनआईटी रायपुर में श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, जो AI, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, IoT और क्लीन एनर्जी जैसे डीप-टेक क्षेत्रों पर केंद्रित होगा
किसानों के लिए भारत का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र
श्री अग्रवाल ने रायपुर में किसानों के लिए भारत का सबसे बड़ा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा,
“छत्तीसगढ़ में अपार संभावनाएं हैं। हमारा फाउंडेशन अपनी कुल संसाधनों का 10% शिक्षा, कौशल विकास और कृषि पर खर्च करेगा।”
2030 तक का लक्ष्य: 10,000 युवा प्रशिक्षित, 250 स्टार्टअप
इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2030 तक—
- 10,000 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण
- 250 से अधिक स्टार्टअप का इनक्यूबेशन
- 5,000 से अधिक कुशल रोजगार का सृजन
प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य के प्रमुख उद्योग—खनन, इस्पात और विनिर्माण—की आवश्यकताओं के अनुसार बनाए जाएंगे, और इसमें स्थानीय उद्योगों के साथ वास्तविक समस्याओं के समाधान पर काम होगा।
मजबूत संस्थागत और सरकारी समर्थन
इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें शामिल हैं—
- प्रधान सचिव सुश्री निहारिका बारिक
- सचिव, उच्च शिक्षा और कौशल विकास विभाग श्री एस. भारतिदासन
- सीईओ, छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण श्री विजय दयाराम के
- अध्यक्ष, एनआईटी रायपुर डॉ. सुरेश हवरे
- अध्यक्ष, आईआईएम रायपुर श्री पुनीत डालमिया
- निदेशक, एनआईटी रायपुर डॉ. एन.वी. प्रसन्ना राव
- प्रभारी निदेशक, आईआईएम रायपुर डॉ. संजीव पराशर
राज्यभर से आए छात्र, शिक्षाविद और प्रशासक इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हुए और नवाचार व अवसर से भरे भविष्य की आशा व्यक्त की।
इस ऐतिहासिक पहल के साथ, छत्तीसगढ़ केवल आने वाले कल की तैयारी नहीं कर रहा है, बल्कि उसे आकार दे रहा है