बस्तर (छत्तीसगढ़): आज़ादी के 78 वर्षों में पहली बार, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 14 दूरस्थ गांव इस स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे की शान देखेंगे। पुलिस के अनुसार, इन इलाकों में शुक्रवार को राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा, जहां पहले नक्सली हिंसा के कारण राष्ट्रीय पर्व मनाना लगभग असंभव था।
‘ऐतिहासिक पड़ाव’ – आईजी सुंदरराज पी
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुंदरराज पी ने इसे “वास्तव में ऐतिहासिक पड़ाव” बताया। उन्होंने कहा,
“जो क्षेत्र कभी भय और धमकी के लिए जाने जाते थे, आज वहां आज़ादी के जश्न की तैयारियां हो रही हैं। बच्चे देशभक्ति गीतों की रिहर्सल कर रहे हैं, बुजुर्ग मैदान सजा रहे हैं, और पूरा समुदाय स्वतंत्रता की भावना में एकजुट हो रहा है।”
उन्होंने इस बदलाव का श्रेय सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों और प्रशासन व जनता के बीच बढ़ते भरोसे को दिया।https://www.mha.gov.in/left-wing-extremism-division
नक्सल गढ़ों में अब बदल रही तस्वीर
अधिकारियों के अनुसार, पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय पर्व के मौके पर काला झंडा लहराना आम था। लेकिन अब सुरक्षा बलों के कैंप पास में होने से गांवों में सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा हुई है।https://cgstate.gov.in
नक्सलियों के गढ़ रहे इन इलाकों में अब डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) लगातार गश्त और एरिया डॉमिनेशन अभियान चला रहे हैं, ताकि उत्सव शांति से संपन्न हो सके।
मुख्यमंत्री करेंगे ध्वजारोहण
स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करेंगे। राज्यभर में मंत्री और विधायक विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे, खासकर नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए गए हैं।
सुरक्षा और विश्वास का माहौल
अधिकारियों का कहना है कि नक्सल गढ़ माने जाने वाले इन गांवों में पहले राष्ट्रीय पर्व के मौके पर काला झंडा फहराना आम बात थी। लेकिन अब सुरक्षा बलों के कैंप पास में होने से गांवों में सुरक्षा और उम्मीद की भावना पैदा हुई है।
वर्तमान में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) द्वारा लगातार गश्त और एरिया डॉमिनेशन अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि स्वतंत्रता दिवस का जश्न शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।