हैदराबाद, 09 अगस्त 2025 – पिछले पांच वर्षों में तेलंगाना से 45,213 ब्लू कॉलर वर्कर्स विदेशों में रोजगार के लिए गए हैं। यह आंकड़ा केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री किर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में साझा किया। उन्होंने बताया कि ये सभी प्रवासी श्रमिक ई-मीग्रेट पोर्टल के माध्यम से Emigration Clearance (EC) प्राप्त कर विदेश गए।
साल-दर-साल प्रवासन का ट्रेंड
कोविड-19 महामारी के शुरुआती वर्ष 2020 में जहां केवल 2,984 श्रमिकों ने विदेश जाने की अनुमति ली, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 9,850 हो गई। 2025 में अब तक 5,642 लोग तेलंगाना छोड़ चुके हैं।
पांच सालों में 2022 प्रवासन के लिहाज से सबसे बड़ा साल रहा, जब 11,990 श्रमिकों ने राज्य से बाहर कदम रखा।
अन्य राज्यों का हाल
2020 से जून 2025 के बीच, आंध्र प्रदेश से 71,317, तमिलनाडु से 96,619, कर्नाटक से 24,700 और केरल से 77,722 ब्लू कॉलर वर्कर्स विदेश गए।
महिला प्रवासन बेहद कम
आंकड़े बताते हैं कि तेलंगाना से विदेश जाने वाले ब्लू कॉलर वर्कर्स में महिलाओं की संख्या बहुत कम है। 2020 में जहां 293 पुरुष और 71 महिलाएं विदेश गईं, वहीं 2024 में 10,151 पुरुष और सिर्फ 187 महिलाएं ही बाहर गईं।
सरकारी कदम और सुरक्षा उपाय
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र नई दिल्ली, दुबई, रियाद, जेद्दा और कुआलालंपुर जैसे प्रमुख शहरों में स्थापित किए गए हैं।
महिला घरेलू कामगारों की सुरक्षा के लिए सरकार ने नियम बनाया है कि केवल सरकारी एजेंसियां ही ECR श्रेणी के पासपोर्ट रखने वाली भारतीय महिलाओं की भर्ती कर सकती हैं और वह भी केवल ई-मीग्रेट पोर्टल के माध्यम से।
देश में कौन है नंबर वन प्रवासी श्रमिकों में?
कुल मिलाकर 2020 से अब तक उत्तर प्रदेश से 5.49 लाख और बिहार से 2.84 लाख लोग रोजगार के लिए विदेश गए हैं, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है।
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